आज भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक खत्म हो गई. 5 अप्रैल से शुरू हुई इस बैठक पर RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने फाइनल घोषणा कर दी है. RBI ने मौद्रिक नीति पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. रेपो रेट को स्टेबल रखा गया है. वर्तमान में RBI का रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.5% है. बता दें नए वित्त वर्ष की यह पहली MPC बैठक थी.
RBI गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर ही रहेगा. RBI गवर्नर ने कहा है कि जबतक ग्रोथ टिकाऊ नहीं हो जाती तब तक पॉलिसी रेट अकोमडेटिव ही रहेगी. यानी आपके लोन की EMI पहले जैसी ही रहेगी. साथ ही RBI गवर्नर ने साल 2021-22 के लिए 10.5% GDP का अनुमान जताया है.

क्या है मौद्रिक नीति?
मौद्रिक नीति के आधार पर बाजार में मुद्रा की आपूर्ति को कंट्रोल किया जाता है और मौद्रिक नीति ही तय करती है कि किन दर पर रिजर्व बैंक बैंकों को कर्ज देगा और किन दरों पर बैंकों से वापस पैसा लेगा. मौद्रिक नीति को RBI अपने केन्द्रीय बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर तय करता है और इस केन्द्रीय बोर्ड में जानेमाने अर्थशास्त्री, नीति निर्माता और उद्योगपति होते हैं.
क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक बैंकों को कम समय के लिए कर्ज देता है. अगर इसमें कटौती की जाती है तो बैंकों को RBI को कम ब्यामज देना रहता है और इसका असर आपकी EMI पर भी पड़ता है, वहीं अगर RBI रेपो रेट को बढ़ाता है तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाता है. इससे होम लोन समेत अन्य लोन की ब्याज दरें बढ़ जाती हैं.रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जो RBI अन्य बैंकों को ब्याज के तौर पर देता है.
