आज शीतला अष्टमी है, आज का दिन शीतला माता का दिन माना जाता है। शीतला अष्टमी होली के आठवें दिन यानि चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है कुछ लोग इसे बसोड़ा भी कहते हैं। इस पूजा में माता को बासी खाने से भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि बासी खाने के भोग से माता प्रसन्न होती है माता को मुख्य रूप से दही, राबड़ी, हलवा, पूरी, गुलगुले, चावल का भोग लगाया जाता है। आइए जानते हैं शीतला अष्टमी का महत्व

महत्व
मान्यता है कि इस तिथि से ही ग्रीष्मकाल की शुरुआत होती है। शीतला अष्टमी के साथ ही मौसम तेजी से गर्म होने लगता है। शीतला माता को शीतलता प्रदान करने वाली माता माना जाता है। मान्यता है कि जो लोग मां शीतला का व्रत विधि-विधान से करते हैं उनकी चेचक, खसरा व नेत्र संबधी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। यह व्रत रोगों से मुक्ति दिलाता है। शीतला स्त्रोत में माता के स्वरूप के बारे में बताया है-
वंदेऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगंबराम् ।
मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम् ॥
जिसकाअर्थ है कि माता शीतला अपने हाथों में कलश, सूप, मार्जन (झाड़ू) और नीम के पत्ते धारण किए हैं. गर्दभ की सवारी किए हुए अभय मुद्रा में विराजमान हैं.
