देश में एक बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोने और सैनिटाइज करने की सलाह दी जाती है. हालांकि हाथ धोने के लिए साबुन और पानी को सबसे अच्छा विकल्प माना गया है लेकिन जब साबुन और पानी से साथ धोना पॉसिबल ना हो तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए. लेकिन हैंड सैनिटाइजर में 60% अल्कोहल होता है और कई लोग इसे कार में रखने से कतराते हैं तो आइये जानते हैं सैनिटाइजर को कार में रखना कितना सुरक्षित है.
कितना सुरक्षित है कार के अंदर रखा हैंड सैनिटाइजर?
कैलिफोर्निया सैन डिएगो के एनेस्थिसियोलॉजी विश्वविद्यालय और ASAP IV के संस्थापक टेलर ग्रेबर के मुताबिक कार में हैंड सैनिटाइजर रखना सुरक्षित है. उनका कहना है कि हैंड सैनिटाइजर एक्सपायरी डेट के साथ आता है ये एक अनुमानिक समय होता है. उसके बाद सैनिटाइजर में मौजूद अल्कोहल कम हो जाता है जो उसे कम प्रभावी बना देता है.

अगर गाड़ी में रखे बोतल का ढक्कन टाईट बंद करके रखा जाता है तो ये प्रकिया धीमी हो जाती है. लेकिन अगर ढक्कन ढीला या खुला हो तो गाड़ी में बन रहे हाई टेम्प्रेचर के कारण इसमें मौजूद अल्कोहल उड़ने लगता है. ग्रेबर के मुताबिक घर में बने सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा बहुत ही कम होती है. होम मेड सैनिटाइज़र के साथ एक दिक्कत ये भी है कि इसे बनाते समय हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग किया जाता है जिसपर धूप पड़ने पर वो पानी में बदल जाता है.
वहीं खाद्य और औषधि प्रशासन का कहना है कि सैनिटाइज़र को 59 से 86 डिग्री फ़ारेनहाइट टेम्प्रेचर पर स्टोर करना चाहिए. हालांकि ये गर्म – ठंडे दोनों तापमान पर असरदार है लेकिन 104 डिग्री फ़ारेनहाइट टेम्प्रेचर से कम पर ही रखना चाहिए. सैनिटाइज़र को अगर 104 डिग्री फ़ारेनहाइट टेम्प्रेचर पर रखा जाता है तो इसमें से अल्कोहल लुप्त होने का खतरा रहता है. धूप में गाड़ी बहुत जल्द ही गर्म हो जाती है, इसलिए कोशिश करनी चाहिए की सैनिटाइजर को ठंडे स्थान पर रखा जाए.
